Ishq Shayari
Best Ishq Shayari In Hindi.
तेरे इश्क का बुखार है मुझको; और हर चीज खाने की मनाही है; एक हुस्न के हकीम ने सिर्फ; तेरे चमन की मौसमी बताई है।
राहे-दूरे-इश्क़ से रोता है क्या; आगे-आगे देखिए होता है क्या; सब्ज़ होती ही नहीं ये सरज़मीं; तुख़्मे-ख़्वाहिश दिल में तू बोता है क्या; क़ाफ़िले में सुबह के इक शोर है; यानी ग़ाफ़िल हम चले सोता है क्या; ग़ैरते-युसुफ़ है ये वक़्ते-अज़ीज़; मीर इसको रायगाँ खोता है क्या।
इश्क़ क़ातिल से भी, मक़तूल से हमदर्दी भी; यह बता किस से मोहब्बत की जज़ा माँगे गा; सजदा खालिक़ को भी, इब्लीस से याराना भी; हश्र में किस से अक़ीदत का सिला माँगे गा!
इतना प्यार ना कर के इश्क़ भी, रो पड़ेगा तेरी वफ़ा देख कर, तुम मिलो ना मिलो पर, रब ज़रूर जल उठेगा, तुम्हारा जुनून देख कर .
जुनून ए इश्क़, नही रास आया हमें, जब भी देखा आईना, अक्स उनका ही नज़र आया हमें, तड़पते दिल के ब्यान करें कैसे ? जब भी कुरेड़ा घाव को, दर्द उनका ही उभर आया .
इश्क़ छुपता है छुपाने से कहाँ, यह खुद बे खुद सामने आता है, नही बचता इस से कोई भी कभी, यह सब को ही बड़ा तड़पता है
तेरे इश्क़ में सब कुछ लूटा बैठा, मैं तो ज़िंदगी भी अपनी गँवा बैठा, अब जीने की तमन्ना ना रही बाकी, सारे अरमान मैं अपने दफ़ना बैठा
यह रोग इश्क़ का बहुत बुरा है दोस्तो, आप इस रोग से खुद को बचा लेना, अगर हँसी कोई नज़रें मिलना भी चहाए, तो आप नज़रों को अपनी हटा लेना
तेरे साथ इतने बहुत से दिन, तो पलक झपकते गुजर गये, हुई शाम खेल ही खेल में, गयी रात बात ही बात में, कोई इश्क़ है के अकेला, रेत जी शाल ओढ़ के चल दिया,
अभी तो दूर तक साथ साथ चलना है, वैसे हैं हमसफर पर चलती उनकी आनबान भी, साथ हरदम नहीं रह सकते चाहने वाले, इश्क़ के साथ दर्द भी, भारी बरसात बादलों ने दे दिया दॉखा, सुखी नदियो के साथ प्यासे उजड़े उपवन भी, हुस्न मासूम है और सूरतें भोली भली, टूट जाते हैं कभी दिल भी और दर्पण भी
इश्क़ कैसे होता है..इश्क़ किसको कहते है तेरा मजबूर कर देना मेरा मजबूर हो जाना
मेरी दुनिया में आया एक मुसाफिर ऐसे, कोई पहले की जान पहचान हो जैसे.. मिले हम उनसे और वो हुमसे कुछ इस तरहा से, कोई बरसों से बिछड़े हुए हों जैसे.. दिल में प्यार फिर इश्क़ उतरा कुछ ऐसे, और कोई ज़िंदगी में गुंजाइश ना हो जैसे.. बता दो आए मुसाफिर जाना कहाँ हैं वैसे, अकेले ये सफ़र तय करोगे तुम कैसे.. मिल गये हो तो अब रहना कुच्छ इस तरहा से, की साए भी एक से हो जाएँ जैसे.. दो मंज़िलें बन जायें अब एक ऐसे, खुदा ने कोई दुआ क़बूल कर दी हो जैसे ...!!
एहसास के दामन मे कभी आँसू गिरा के देखो, इश्क़ कितना सच्चा हे कभी आज़मा कर देखो. मोहब्बत को भूल कर क्या होगी दिल की हालत, कभी कोई आईने को ज़मीन पर गिरा कर देखो.
हर शख्स से उलफत का इक़रार नही होता...!! हर चेहरे से दिल को कभी प्यार नही होता...!! जो रूह को छ्छू जाए, जो दिल मे उतार जाए...!! उस इश्क़ का लफ़्ज़ों में इज़हार नही होता...
इश्क़ करते हो जिनको उसको आज़ाद करदो, इश्क़ को तोलने का तरज़ू नही हे, इश्क़ का मारा आशिक़ खिछा चला आएगा, अगर नही आया तो समजना के वो किसी और का हे.
आँखो मे आँसू से आ जाते हे, फिर भी लबो पर हसी रखनी पड़ती हे, ये इश्क़ भी क्या चीज़ हे दोस्तो, जिसे इश्क़ करते हे उसी से हे छुपानी पड़ती हे.